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रविवार, 21 फ़रवरी 2010

जीवन एक पुष्प समान

यह जीवन एक पुष्प समान है. आप अपने हृदय के पटों को जितना खोलेंगें अर्थात अपनी विचारधारा को जितना विकसित करेंगें, वह समाज को उतना ज्यादा सुवासित करेगी !!

25 टिप्‍पणियां:

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

सुन्दर विचार.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

सार्थक बात...खूबसूरत चित्र.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

मासूम अभिव्यक्ति. कई बार चित्र भी बहुत कुछ कह जाते हैं.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

मासूम अभिव्यक्ति. कई बार चित्र भी बहुत कुछ कह जाते हैं.

Shyama ने कहा…

आपकी बात का जवाब नहीं. थोड़े में बड़ी बात.

S R Bharti ने कहा…

आप अपने हृदय के पटों को जितना खोलेंगें अर्थात अपनी विचारधारा को जितना विकसित करेंगें, वह समाज को उतना ज्यादा सुवासित करेगी...Nice Thought.

KK Yadav ने कहा…

खूबसूरत गुलाब.गहन अनुभूति.

मन-मयूर ने कहा…

आकांक्षा जी अपने तो बड़ी दूर की बात कह दी. इसे जीवन में उतारने की जरुरत है.

Bhanwar Singh ने कहा…

इसे कहते हैं बोलते चित्र....

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

अंडमान के प्राकृतिक सौंदर्य का असर दिख रहा है, जारी रहे तो उत्तम.

Unknown ने कहा…

Beautiful...!!

Shahroz ने कहा…

बिंदास कहा अपने. हम भी ऐसा ही सोचते हैं.

बेनामी ने कहा…

कभी कविता, कभी लेख व कभी चित्रों में बात...खूबसूरत सन्देश.

बेनामी ने कहा…

कभी कविता, कभी लेख व कभी चित्रों में बात...खूबसूरत सन्देश.

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

बेहतरीन भाव.

Akanksha Yadav ने कहा…

आप सभी के भाव-पुंज के लिए आभार. अपना स्नेह बनाये रखें.

राज भाटिय़ा ने कहा…

नाईस जी

Udan Tashtari ने कहा…

आभार इन सदविचारों का!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत विचार, शुभकामनाएं.

रामराम.

संजय भास्‍कर ने कहा…

सार्थक बात...खूबसूरत चित्र.

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपके लेखन ने इसे जानदार और शानदार बना दिया है....

kavi kulwant ने कहा…

sundar vichaar

Pushpendra Singh "Pushp" ने कहा…

सुन्दर पोस्ट
आभार...........

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

आकांक्षा जी, 'इण्डिया टुडे' के नवीनतम 3 मार्च अंक में इण्डिया टुडे स्त्री परिशिष्ट में आपकी 03 कवितायेँ पढ़ीं, वाकई दिल को छूती हैं..बधाई.

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

Beautiful Flower.