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रविवार, 9 मई 2010

मदर्स डे पर : माँ की याद में


आज सुबह कुछ पहले ही नींद खुल गई. मन किया कि बाहर जाकर बैठूं. अभी सूर्य देवता ने दर्शन नहीं दिए थे पर ढेर सारी चिड़िया कलरव कर रही थीं. मौसम में हलकी सी ठण्ड थी, शायद रात में बारिश हुई थी. अचानक दिमाग में ख्याल आया कि हम लोग भी घर से कितने दूर हैं. एक ऐसी जगह जहाँ सारे रिश्ते बेगाने हैं. एक-दो साल बाद हम लोग भी यहाँ से चले जायेंगे. इन सबके बीच घर की याद आई तो मम्मी का चेहरा आँखों के सामने घूम गया. कभी सोचा भी ना था की मम्मी से एक दिन इतने दूर जायेंगे, पर दुनिया का रिवाज है. शादी के बाद सबको अपनी नई दुनिया में जाना होता है, बस रह जाती हैं यादें. पर यादें जीवन भर नहीं छूटतीं , हमें अपने आगोश में लिए रहती हैं. ..पर आज पता नहीं क्यों सुबह-सुबह मम्मी की खूब याद आ रही थी. सोचा कि फोन करूँ तो याद आया कि वहाँ तो अभी सभी लोग सो रहे होंगे. सामने नजर दौडाई तो पतिदेव कृष्ण कुमार जी का काव्य-संग्रह 'अभिलाषा' दिखी. पहला पन्ना पलटते ही 'माँ' कविता पर निगाहें ठहर गईं. एक बार नहीं कई बार पढ़ा. वाकई यह कविता दिल के बहुत करीब लगी. अंतर्मन के मनोभावों को बखूबी संजोया गया है इस अनुपम कविता में. सौभाग्यवश आज मई माह का दूसरा रविवार है और इसे दुनिया में मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है. तो आज इस विशिष्ट दिवस पर माँ को समर्पित यही कविता आप लोगों के साथ शेयर कर रही हूँ-



मेरा प्यारा सा बच्चा
गोद में भर लेती है बच्चे को
चेहरे पर नजर न लगे
माथे पर काजल का टीका लगाती है
कोई बुरी आत्मा न छू सके
बाँहों में ताबीज बाँध देती है।

बच्चा स्कूल जाने लगा है
सुबह से ही माँ जुट जाती है
चैके-बर्तन में
कहीं बेटा भूखा न चला जाये।
लड़कर आता है पड़ोसियों के बच्चों से
माँ के आँचल में छुप जाता है
अब उसे कुछ नहीं हो सकता।

बच्चा बड़ा होता जाता है
माँ मन्नतें माँगती है
देवी-देवताओं से
बेटे के सुनहरे भविष्य की खातिर
बेटा कामयाबी पाता है
माँ भर लेती है उसे बाँहों में
अब बेटा नजरों से दूर हो जायेगा।

फिर एक दिन आता है
शहनाईयाँ गूँज उठती हैं
माँ के कदम आज जमीं पर नहीं
कभी इधर दौड़ती है, कभी उधर
बहू के कदमों का इंतजार है उसे
आशीर्वाद देती है दोनों को
एक नई जिन्दगी की शुरूआत के लिए।

माँ सिखाती है बहू को
परिवार की परम्परायें व संस्कार
बेटे का हाथ बहू के हाथों में रख
बोलती है
बहुत नाजों से पाला है इसे
अब तुम्हें ही देखना है।

माँ की खुशी भरी आँखों से
आँसू की एक गरम बूँद
गिरती है बहू की हथेली पर।

38 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

माँ की एक संक्षिप जीवन शैली पर वैसे माँ आजीवन बेटे और बेटियों के साथ रहती है अलग अलत रूपों में माँ को मनुष्य खुद से अलग कर ही नही सकता...आकांक्षा जी बहुत बढ़िया रचना...मातृ दिवस की हार्दिक बधाई

एक बेहद साधारण पाठक ने कहा…

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

अर्चना तिवारी ने कहा…

सुंदर भावों से परिपूर्ण रचना ...मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

दिलीप ने कहा…

lajawaab rachna maa mahan hai...

Mithilesh dubey ने कहा…

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ

MAHAVEER B SEMLANI ने कहा…

JAI - JANANI
Maa tuje Salaam....

बेनामी ने कहा…

मदर्स डे पर आप सभी को शुभकामनायें। यदि आप माँ के साथ हैं तो उनका दिल ना दुखाएं और यदि माँ से भौतिक रूप से दूर हैं तो आज का दिन माँ को समर्पित कर दें। एक बार फिर से बच्चे बन कर देखिये.....माँ के नाजुक हाथों का स्पर्श स्वमेव अपने ऊपर आशीर्वाद के रूप में पाएंगे !!!

बेनामी ने कहा…

मदर्स डे पर आप सभी को शुभकामनायें। यदि आप माँ के साथ हैं तो उनका दिल ना दुखाएं और यदि माँ से भौतिक रूप से दूर हैं तो आज का दिन माँ को समर्पित कर दें। एक बार फिर से बच्चे बन कर देखिये.....माँ के नाजुक हाथों का स्पर्श स्वमेव अपने ऊपर आशीर्वाद के रूप में पाएंगे !!!

Shyama ने कहा…

माँ सिखाती है बहू को
परिवार की परम्परायें व संस्कार
बेटे का हाथ बहू के हाथों में रख
बोलती है
बहुत नाजों से पाला है इसे
अब तुम्हें ही देखना है।

..मदर्स डे पर गहन अनुभूतियों को समेटती कविता और भाव..बधाइयाँ.

Unknown ने कहा…

आकांक्षा जी के भाव और कृष्ण कुमार जी की कविता का समन्वय...वाकई बेजोड़.

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

Unknown ने कहा…

आकांक्षा जी, आज आपकी व्यंग्य रचना 'नारी न भाए' वैशाखनंद सम्मान प्रतियोगिता में भी ताऊ जी डाट काम पर पढ़ा....वाकई आपकी लेखनी का जवाब नहीं.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

जीवन का सच सुन्दर शब्दों में आपने उकेरा. जितनी भी बड़ाई करूँ कम है. मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

S R Bharti ने कहा…

शानदार प्रस्तुति..पढ़कर आँखों में आंसू आ गए. माँ का स्थान कोई नहीं ले सकता. आज माँ को याद करें.

Shahroz ने कहा…

माँ की याद में सुन्दर कविता...हमें भी पसंद आई. शायद यही दुनिया का दस्तूर है.

Ra ने कहा…

..... एक अच्छी प्रस्तुति ....सुन्दर रचना ../माँ पर कुछ भी लिखो कम ही लगता है ..फिर भी आपने बहुत सुन्दर लिखा है ...बस इसे पढ़ कर इतना ही कहूँगा की दुनिया की हर माँ को शत-शत नमन ....'माँ ' शब्द अपने आप में महान है /// और इसी महान शब्द पर हमने भी कुछ लिखने की कोशिश की है ....उसे भी अपनी टिपण्णी में ही शामिल समझे ....आपके सुझाव सादर आमंत्रित है
http://athaah.blogspot.com/2010/05/blog-post_08.html

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

Hello Mom, Thanks for being best mom in the world.I love u so much..Wishing Happy Mom Day.

Ram Shiv Murti Yadav ने कहा…

अंतर्मन की सुन्दर अभिव्यक्ति...मदर्स डे की शुभकामनायें.

अजय कुमार ने कहा…

संसार की समस्त माताओं को नमन

KK Yadav ने कहा…

मातृ-दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
ममतामयी माँ को प्रणाम!!

Amit Kumar Yadav ने कहा…

चेहरे पर नजर न लगे
माथे पर काजल का टीका लगाती है
कोई बुरी आत्मा न छू सके
बाँहों में ताबीज बाँध देती है।

ममता की सघन अनुभूति..मन को भा गई.

धान के देश में ने कहा…

मां की लोरी का एहसास तो है,
पर मां को मां कहने का वक्त नहीं।
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके,
उन्हें दफनाने का भी वक्त नहीं।

पर मेरी मां, तेरी बहुत याद आती है।

Amit Kumar Yadav ने कहा…

आज आपकी व्यंग्य रचना 'नारी न भाए' वैशाखनंद सम्मान प्रतियोगिता में भी ताऊ जी डाट काम पर पढ़ा....

कन्या पूजन करते हैं सब
पर कन्या ही न भाये
जन्में कन्या कहीं किसी के
तो सब शोक मनायें ।

आकांक्षा जी, आपने तो समाज की कलई ही खोलकर रख दी..वो भी आज मदर्स -दिवस पर !

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

बच्चा बड़ा होता जाता है
माँ मन्नतें माँगती है
देवी-देवताओं से
बेटे के सुनहरे भविष्य की खातिर
बेटा कामयाबी पाता है
माँ भर लेती है उसे बाँहों में
अब बेटा नजरों से दूर हो जायेगा।
...बहुत सुन्दर कविता..माँ पर जितना लिखा जाए..कम ही है.

Akanksha Yadav ने कहा…

आज मदर्स डे पर आपको ढेर सारी बधाई. अपनी ममा को खूब प्यार करें और कोई शरारत न करें. ऐसा हमारी बिटिया पाखी ने कहा है.

मन-मयूर ने कहा…

मातृ-दिवस पर बेहतरीन प्रस्तुति..माँ को नमन.

शरद कुमार ने कहा…

सुंदर भावों से परिपूर्ण रचना ...मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

राज भाटिय़ा ने कहा…

सिर्फ़ मदर्स डे पर ही मां की याद?????

raghav ने कहा…

लड़कर आता है पड़ोसियों के बच्चों से
माँ के आँचल में छुप जाता है
अब उसे कुछ नहीं हो सकता।

....उम्दा...बचपन की याद आ गई.

raghav ने कहा…

Today Mother's Day..The occasion of Mother's Day is extraordinary for all of us. It's time to love, kiss and hug the most precious creation of God- our Mom! All through our lives we love to put our heads in the lap of our mothers, unmindful of our status, position and standing. For her, we always remain the small kid but this is the day to visit our Mom, spend time with her, hold her hands and reassure her of our love and care. so its mom day..Congts !!

Akanksha Yadav ने कहा…

!! आप सभी की टिप्पणियों, प्रोत्साहन व स्नेह के लिए आभार !!

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

mother is next god.badhai

Urmi ने कहा…

बहुत ही ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना! मात्री दिवस पर उम्दा प्रस्तुती!

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

शानदार...
मां तुझे सलाम...

असलम ख़ान ने कहा…

मां तुझे सलाम

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी पोस्ट बहुत बढ़िया है!

मातृ-दिवस पर
ममतामयी माँ को प्रणाम तथा कोटि-कोटि नमन!

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत ही सामयिक रचना, शुभकामनाएं.

रामराम.

संजय भास्‍कर ने कहा…

मातृ-दिवस पर बेहतरीन प्रस्तुति..माँ को नमन.

editor : guftgu ने कहा…

शरारतें भी माँ से और प्यार भी माँ से...अतिसुन्दर..बधाई !!