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शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017

'शिव' और 'शक्ति' के मिलन का प्रतीक है महाशिवरात्रि पर्व, अर्द्धनारीश्वर की कल्पना लेती है मूर्त रूप

आज  'महाशिवरात्रि' का पर्व है। ऐसी मान्यता  है कि इसी दिन भगवान शिव का पार्वती संग शुभ-विवाह हुआ था। भगवान शिव का एक रूप अर्धनारीश्वर का भी है। पुरुष (शिव) एवं स्त्री (शक्ति) का एका होने के कारण शिव नर भी हैं और नारी भी, अतः वे अर्द्धनारीश्वर हैं।

जब ब्रह्मा ने सृजन का कार्य आरंभ किया तब उन्होंने पाया कि उनकी रचनायें अपने जीवनोपरांत नष्ट हो जायंगी तथा हर बार उन्हें नए सिरे से सृजन करना होगा। गहन विचार के उपरांत भी वो किसी भी निर्णय पर नहीं पहुँच पाये। तब समस्या सामाधान हेतु वे शिव की शरण में पहुँचे। उन्होंने शिव को प्रसन्न करने हेतु कठोर तप किया। ब्रह्मा की कठोर तप से शिव प्रसन्न हुए। ब्रह्मा की समस्या के समाधान हेतु भगवान शिव अर्धनारीश्वर स्वरूप में प्रकट हुए। अर्ध भाग में वे शिव थे तथा अर्ध में शिवा। अपने इस स्वरूप से शिव ने ब्रह्मा को प्रजननशील प्राणी के सृजन की प्रेरणा प्रदान की। साथ ही साथ उन्होंने पुरूष एवं स्त्री के समान महत्व का भी उपदेश दिया। 

शक्ति शिव की अविभाज्य अंग हैं। शिव नर के प्रतीक हैं तो शक्ति नारी की। वे एक दूसरे के पूरक हैं। शिव के बिना शक्ति का अथवा शक्ति के बिना शिव का कोई अस्तित्व ही नहीं है। शिव अकर्ता हैं। वो संकल्प मात्र करते हैं; शक्ति संकल्प सिद्धी करती हैं।

 ..... आप सभी को ''महाशिवरात्रि'' पर्व  की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

आकांक्षा यादव @ शब्द-शिखर 
Akanksha Yadav @ www.shabdshikhar.blogspot.com/ 


गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017

साहित्य जगत के चमकते सितारे @ शेरगढ़ एक्सप्रेस, जोधपुर


राजस्थान में जोधपुर से प्रकाशित मासिक हिंदी पत्रिका "शेरगढ़ एक्सप्रेस" ने 'साहित्य जगत के चमकते सितारे' शीर्षक से अपना फरवरी-2017 अंक हमारे ( कृष्ण कुमार यादव, आकांक्षा यादव, अक्षिता पाखी) व्यक्तित्व - कृतित्व पर केंद्रित कर प्रकाशित किया है। इसे आप भी यहाँ पढ़ सकते हैं ..... 





युवा पंखों की ऊँची उड़ान : आकांक्षा यादव 
(लेखिका : डॉ. कमल कपूर, अध्यक्षा : नारी अभिव्यक्ति मंच ’पहचान’ फरीदाबाद, हरियाणा)


प्रशासन और साहित्य के ध्वजवाहक : कृष्ण कुमार यादव 
(लेखक : डॉ. बद्री नारायण तिवारी, संयोजक- राष्ट्रभाषा प्रचार समिति-वर्धा, उत्तर प्रदेश, 
पूर्व अध्यक्ष-उ0प्र0 हिन्दी साहित्य सम्मेलन/संयोजक-मानस संगम,  शिवाला, कानपुर, उत्तर प्रदेश)


                            आँगन की रंगोली से क्षितिज तक : कृष्णाकांक्षा                        
( लेखक : यतीन्द्र नाथ ‘राही‘, रजत विहार, भोपाल (म.प्र.)


भारत की सबसे कम उम्र की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता  
नन्ही ब्लॉगर अक्षिता यादव (पाखी) 


पत्रिका का नाम : शेरगढ़ एक्सप्रेस (हिंदी मासिक)
प्रधान संपादक : मनोज जैन 
अंक : फरवरी, 2017  (वर्ष -5, अंक -09)
(साहित्य जगत के चमकते सितारे : कृष्ण कुमार यादव, आकांक्षा यादव, अक्षिता पाखी)
पृष्ठ - 32,     मूल्य : रूपये 20 /-
संपर्क : शेरगढ़ एक्सप्रेस कार्यालय, बस स्टैंड, शेरगढ़, जिला-जोधपुर (राजस्थान)-342022 

शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

बजट बनाने में महिलाओं का रहा ज्‍यादा योगदान, 52 फीसदी काम संभाला

घर का बजट बनाने में महिलाओं का योगदान जगजाहिर है, इसीलिए तो उन्हें गृह लक्ष्मी कहा जाता है। पर अब महिलाएं  हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। जी हां  बजट 2017-18 बनाने की प्रक्रिया में महिला अधिकारियों ने पहले से कहीं अधिक योगदान दिया है। बजट बनाने की प्रक्रिया में जुटे वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों में 41 फीसदी महिलाएं रही हैं। ये महिला अधिकारी सरकार के कुल बजट संबंधित कार्य के 52 फीसदी भाग को देख रही हैं।

गौरतलब है कि भारत सरकार के विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों तथा विभागों में अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के 34 वित्तीय सलाहकारों में 14 महिला अधिकारी हैं। ये महिला अधिकारी सरकार का बजट से संबंधित 52 फीसदी कामकाज देख रही हैं।

सूत्रों की मानें तो  महत्वपूर्ण मंत्रालयों मसलन वित्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मानव संसाधन विकास, युवा, कौशल विकास तथा खेल के वित्तीय सलाहकारों ने बजट पूर्व प्रक्रिया में भारी योगदान दिया है। इसके अलावा नागर विमानन, शहरी विकास, रसायन एवं उर्वरक, कोयला एवं खान, डाक, सामाजिक न्याय, विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान मंत्रालय के अधिकारी बजट प्रक्रिया में शामिल रहे हैं।